Friday, March 13, 2020
नाड़ी दोष का परिहार
1. वर एवं
कन्या
दोनों
की
नाड़ी
एक
ही
हो
नाड़ी
दोष
हो
तो
वर
एवं
कन्या
दोनों
का
जन्म
नक्षत्र एक ही होना चाहिये परंतु दोनों
के
एक नक्षत्र में चरण अलग-अलग
होना
चाहिये तो नाड़ी दोष नष्ट हो
जाता
है॥
2. नाड़ी दोष
होने
की
स्थिति में वर एवं कन्या
दोनों
का जन्म
नक्षत्र एक ही हो परंतु दोनों की जन्म
राशि
अलग
अलग
होनी
चाहिये तो नाड़ी दोष नष्ट हो
जाता
है।
राशि
परिवर्तन सिर्फ कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, उत्तराफाल्गुनी, चित्रा, विशाखा,उत्तराषाढा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपदा इन नक्षत्रों में ही होता है॥
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GROOM : DHANU RASHI MOOL 4TH CHARAN
ReplyDeleteBRIDE : KUMBH RASHU PURVABHADRA 1ST CHARAN
WITH NAADI DOSH PLEASE CLARIFY.
THANK U