(.. वैदिक हिन्दू धर्म की सर्वमान्य, सार्वभौम एवं सर्वोच्च आचार्य परम्परा का क्रम)
1 अरब, 97 करोड़, 29 लाख, 49 हजार , 121 वर्ष पुरानी गुरु परम्परा में हमारे पूज्य गुरुदेव श्रीमज्जगद्गुरु पुरी शङ्कराचार्य भगवान् का स्थान भगवत्पाद शिवावतार आदि शङ्कराचार्यजी से 145वाॅं व भगवान् श्रीमन्नारायण से 155वाॅं है।
बता दें कि आदि शङ्कराचार्य भगवान् से लेकर हमारे पूज्य आचार्य चरण तक जो -जो पूज्य आचार्य हुए हैं उनका नाम एवं कालखण्ड आज भी प्रमाणिक रीति से उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि जिस समय भगवत्पाद शंकराचार्य जी का आविर्भाव ( ईस्वी सन् से 507 वर्ष पूर्व) हुआ था ; उस समय दुनिया में ना कोई मजहब था और ना ही कोई रिलीजन...
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